
http://www.hindu.com/2008/05/05/stories/2008050550320100.htm भारत के समाचार अकसर , वेब से ही पहुँचते हैं। आज के समय में जब् पूरा विश्व एक इकाई बन गया है और दूर दर्राज के क्षेत्रों की खबरें , आसानी से मिल जातीं हैं , ऐसे में, भारत के एक समाचार पत्र से स्त्री / कन्या के लिए ऐसी headlines पढ़कर , मन दुखी हो जाता है।
क्या यही हो रहा है आज भी भारत के गाँवों में और शहरों में ? ...ना जाने कब , भारत से ऐसी मनस्थिति दूर होगी ? ये खबर महानगर मुम्बई से --
और अब , ये नीचे दी गयीं , सारी खबरें एक ही न्यूज़ पेपर से मिलीं हैं .
आप भी सुनिए
ऐसे मारा कि पेट का बच्चा मर गया
ये तो खबरें है छत्तीसगढ़ के रायपुर बिलासपुर इलाकों की अब ,
पंजाब , पटियाला। से - अवैध संबंधों के शक में मां को चाकू से गोदा
अमृतसर से - पति की जंग: एक जीती दूसरी हारी
चंडीगढ़ से - मुस्कान मर्डर:दोषियों को उम्र कैद
मध्य प्रदेश, ग्वालियर से - महिला को बेचने वाले पकड़े
और, पति को 15 हजार में मिली वापस
और इंदौर से -- फोन कर रही बहन, धौंस दे रहा भाई
और अब चलते हैं राजस्थान --
अजमेर , मासूम ज्योति का बुलंद हौसला
कोटा से - युवती ने की आत्महत्या
शेखावटी से - बावरी ने की थी आत्महत्या
और
उदयपुर में - ब्रिटिश महिला पत्रकार से ज्यादती के आरोपी को उम्रकैद
मावली से :चार बरस का दूल्हा, दुल्हन पांच साल की दुल्हन
और प्रमुख कार्यकर्ता ने कहा , " उपखंड मुख्यालय पर बाल विवाह हुआ है, इसकी मुझे जानकारी नहीं है। " जगमोहनसिंह, एसडीएम, मावली
" रविवार को मावली में होने वाले बाल विवाह की सूचना हमें नहीं थी। " डॉन के जोस, प्रशिक्षु आईपीएस, थानाधिकारी मावली ।
और अंत में , जोधपुर के इस ख़बर से खुशी हुई -
बेटे से ज्यादा बेटी की चाह --- चलो , कहीं बदलाव आया --
झुंझुनूं: हाडीरानी महिला बटालियन
6 comments:
लावण्या जी आपने तो बिल्कुल वही बात लिख दी जो आज हम सोच रहे थे।
हर न्यूज़ चैनल पर नीचे जो खास खबर होती है उसमे बस यही सब लिखा रहता है।
और हाँ आपकी आखिरी खबर वाकई बहुत अच्छी है।
ऐ.डी.एम् साहेब को विवाह की जानकारी नही थी......यहाँ तो सारे जहाँ के आगे अनर्गल प्रलाप करके मुम्बई पुलिस को राज ठाकरे के ख़िलाफ़ कुछ नही मिला ........ पता नही वोटो की राजनीती सबको नपुंसक क्यों बना देती है ?
वाह कहीं और खबर पढने की जरूरत ही नही...सारे चैनल यहीं उपलब्ध हो गये...
आप सभी ने इस प्रविष्टी को पढा और अपनी बातेँ शेर कीँ उसके लिये, आप सभी का शुक्रिया--
लावण्या
ऐसी खबरें आजकल बहुत आ रही हैं. नारी पर अत्याचार सोचने की हद से बाहर निकल गया है. पर दूसरा पहलू भी है. अब ध्यान नहीं किस स्थान से आई थी यह ख़बर. पर ख़बर थी कि एक माँ ने शराब के नशे में अपने चार वर्ष के बालक को छत से नीचे फैंक दिया. उसे तुरंत अस्पताल ले गए पर वह बचा नहीं.
NIHAYAT HI NEGETIVE VISHLESHAN HAI. SABHI JAGAH KUCH NH KUCH KAMIYA HOTI HI HAI. AAJKAL MAHILAO KE KHILAF HO RAHI GHATNAO KO JORSHOR SE BATANE KA EK RIVAJ SA HO GAYA HAI GOYA KI VAH APNE KO NARI KA SANRAKJHAK BATANA PASAND KARTA HAI. AAJ MAHILAO KI HALAT BAHUT ACHCHI HAI. YESA NAHI HAI KI SIRF PURUSH HI MAHILAO KE VIRUDH ATYACHAR KARTE HAI, MAHILAO KE DWARA BHI ATYACHAR AUR APRADH PAHLE BHI KIYA JATE THE AAJ BHI KIYA JATE HAI. ISE JYADA TOOL DENE KI JARURAT KATAI NAHI HAI. ACHCHI KHABRE BHI PRAKASHIT HOTI HAI UNHE BATAYE.
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