हैं । पहला है बिना शर्त असीम प्यार और दूसरा बच्चे की जरूरतें समझ कर उन्हें पूरा करना और इसके लिये कुछ भी कर गुजरना । इसके विपरीत पिता का प्यार शर्तों में बंधा है । अगर आपका व्यवहार अच्छा है, आप पढाई में तेज हैं, उनकी उम्मीदों पर खरे उतरते है तो आप इस प्यार के हकदार हैं । वैसे तो हम में से कोई भी हमेशा बिना शर्त प्यार नही लुटाता पर कभी ना कभी सभी ऐसा प्यार करते हैं ।
हम सब को जरूरत होती हे इन दोनो किस्म के प्यार की । और वह मिलता भी है ।
कई बार ये भूमिकाएँ बदल जातीं हैं जब पिता माँ की भूमिका में आ जाते हैं और बिना शर्त प्यार करते हैं और माँ और पिता की भूमिका में आकर सख्त रवैया अपनाती है ।

बहुत आसान होता है गोद के बच्चों को बिना शर्त प्यार देना और उनकी जरूरतें समझना । मुश्किल तो तब आती है जब ये बच्चे बडे होने लगते हैं । तब नियम कानून अनिवार्य हो जाते हैं । यदि इस वक्त हम बिना शर्त प्यार वाली बात पर अमल करें तो शायद हम अपने ही बच्चों के दुश्मन बन जायें । जरूरतों और माँगों में फर्क करना भी जरूरी है और ये फर्क हमे समझना चाहिये और बच्चों को भी समझाना चाहिये । जितना हमारा और बच्चों का संवाद अच्छा रहेगा माँ होने का दायित्व हम उतना ही अच्छा निभा पायेंगे ।
हम सब में कहीं न कहीं एक माँ छुपी होती है और एक बच्चा भी । अक्सर हम सबने ही बडी बहन को माँ जैसा प्यार देते हुए देखा है । भाभी भी माँ के समान प्यार करती है और पत्नी को भी किसी किसी वक्त अपने पती की माँ की भूमिका में आना पडता है और वह बखूबी इस भूमिका को निभाती है । पती भी अक्सर पत्नी के अस्वस्थ रहने पर भावुक होकर माँ जैसै दायित्व निभाते हैं । ऐसी स्थिती में दूसरा सदस्य अक्सर बच्चा बन जाता है ।
मैने तो अपनी ननद से भी माँ जैसा प्यार पाया है । वैसे तो उम्र में वे मेरे पती से केवल एक वर्ष ही बडीं हैं पर हैं ममता से भरपूर ।
तो अपने अंदर की माँ और बच्चा दोनों को सहेज कर रखिये । Happy Mother’s Day !
4 comments:
बहुत बढ़िया.
आप सभी को मातृ दिवस की शुभकामनाऐं एवं बधाई.
आशा जी बहुत ही प्यार और अच्छे से लिखने के लिए बधाई।
मदर्स डे की शुभकामनाएं।
माँ भी हूँ और बेटी भी ।माँ से प्यारा और उससे करीब कोई व्यक्ति नही होता दुनिया में ।
माँ प्यार की प्रतिमूर्ति होती है. उसके आँचल से प्यार पाओ और सब में बाँट दो.
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