उत्तर आधुनिकता
उन्नीसवी सदी की शुरुआत में हर कोई अपने को आधुनिक कहलाने में फक्र महसूस करता था , लेकिन इकिस्वीं सदी के शुरू में कोई भी उत्तराधुनिक नहीं कहलाना चाहता । सही मायने में उत्तरआधुनिकता का स्वरुप विरोधाभासी है । जैसा कि हर प्राकृतिक पदार्थ या प्रक्रिया का होता है । हालाँकि उत्तरआधुनिकता को बाजारी शक्तियों द्वारा पैदा कि गई प्रवृति कई बार माना गया है फिर भी उत्तर आधुनिकता में बहुत कुछ ऐसा पनपा है जो बाजारी शक्तियों और बाज़ार की रणनीति के बाहर की बात है और उसकी पकड़ से बहुत दूर है । हाशिये पर पड़े लोगों को उत्तर आधुनिक तकनीकी विकास ने जो फलक और ताकत दी है वह आज से पहले सम्भव नहीं थी । मॉल की चकाचोंध ने आम आदमी को अपनी ओर ललचाती निगाहों से देखने को मजबूर किया है तो दूसरी तरफ़ अनेकों को रोजीरोटी भी दी है । जिन चीजों को वह पहले बस टीवी या सिनेमा के परदे पर ही देखता था उन्हें छू कर उनकी वास्तविकता को जाँच परख सकता है । वायवी दुनिया के सच को भी वह अब ज्यादा करीब से और खरा खरा जनता है । बच्चा मैगी या चिप्स खाने की जिद करता है , माँ-बाप उसे ले भी देते हैं , लेकिन जब पेट में दर्द होता है तो उसका कारण बताने पर अगली बार बच्चा लेने से पहले सोचता है । उत्तराधुनिक जीवन शैली को जीते हुए हम सब लोग इसकी कमियों से बच कर अपने जीवन को सुरक्षित और सुखी बनाने में ही लगे हैं और यदि ईमानदारी से जिएँ और कहें तो अधिकतर सफल भी हो रहें हैं । संतुलित जीवन के इससे अच्छे और सफल आदर्श हमें आज से पहले मुश्किल ही मिलते थे ।
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4 comments:
aapne santulit jeewan par roshni dal kar achcha kya hai kuoki iski jrurat bhi hai
@उत्तराधुनिक जीवन शैली को जीते हुए हम सब लोग इसकी कमियों से बच कर अपने जीवन को सुरक्षित और सुखी बनाने में ही लगे हैं और यदि ईमानदारी से जिएँ और कहें तो अधिकतर सफल भी हो रहें हैं ।
मैं आपकी इस बात सहमत हूँ, बस इतना कहूँगा कि ऐसे 'अधिकतर' लोगों कि संख्या कम है. ज्यादातर लोग तनाव का शिकार हो रहे हैं.
am agree with you sir.but aap sanskriti ko lekar uttaraadunikta par vichar kre to jyada bdiya hoga.please think about it and give me answer.
thanks very much sir.
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