
एक सी न्याय व्यवस्था "
न्याय से बड़ा कोई धर्म नही है।
भारत, नेपाल, बाँग्ला देश, लिंक और श्री लँका से उत्तर अमरीकी गणतंत्र मेँ आकर बसने वाली तमाम स्त्रियोँ को
" साउथ एशियन " कहा जाता है।और विदेशों मे जा बसीं महिलाएँ भी शारीरिक मानसिक प्रताड़ना की,घरेलू हिंसा की शिकार बनती हैं।अभी ज़्यादा समय नही हुआ है Provoked जैसी फिल्म बने जो इसी थीम पर आधारित है।
"मानवी" एक न्यु - जर्सी प्राँत मेँ स्थित सँस्था है जो नारी को सम्मान से , किसी भी आतँक व शारीरिक प्रताडना से, मुक्त जीवन जीने के लिये, प्रोत्साहीत करती है और नारी तथा उनकी सँतान को इस अवस्था मेँ, सफल जीवन व्यतीत करने मेँ, हर सँभव प्रयास व सहायता करती है -
इस संस्था का नियम है कि ऊपर बतलाये गये देशोँ मेँ से किसी भी धर्म का पालन करनेवाली स्त्रियोँ के साथ , एक समान व्यवहार किया जाता है -कोई हिन्दु हो या ईसाई या मुस्लीम या पारसी या सीख या बौद्ध-
उससे कोई फर्क नहीँ पडता -
कुछ सेवाएँ जो मानवी सँस्था द्वारा स्त्रियोँ के लिये उपलब्ध करायी जातीँ हैँ उनमेँ हैँ
१) कानूनी सलाह व सहायता
२) व्यक्तिगत सलाह तथा विश्लेषण
३)डाक्टरी चिकित्सा उपलब्ध कराना
४) सहायक मित्र मँडल
५) सिफारीशेँ इत्यादी हैं
link देखिये
-लावण्या
6 comments:
अच्छी जानकारी दी,शुक्रिया।गतिविधियों की और जानकारी दे सकती हों तो और अच्छा हो।मेरी एक भाभी आरती चौधरी इस संस्था से जुड़ी रही हैं ।
अच्छी जानकारी। और इस ब्लॉग की यही बात सबसे अच्छी की इस पर स्त्रीयों से समबन्धित सभी तरह की जानकारी मिलती है।
और भी अच्छा होता अगर इस संस्था से जुडी किसी महिला का साक्षातकार पढने को मिलता
मानवी सँस्था के बारे मेँ जानकारी दी है -
जब भी न्यु जर्सी जाने का मौका पडेगा,
वहाँ जाकर साक्षात्कार भी लिया जा सकेगा -
अफलातून जी, आपकी भाभी आरती चौधरी से आपका सँपर्क है क्या ? अगर हो तब
उनसे अधिक जानकारी हासिल की जा सकेगी
..आभार आप दोनोँ की टीप्पणी के लिये -
- लावण्या
सुंदर जानकारी देने का आभार..
संस्था की जानकारी के वास्ते आभार।
बहुत अच्छी जानकारी दी है आपने...मानवी जैसी संस्थाएं दुनिया के हर गाँव शहर में होनी चाहियें...
साधुवाद आपका इस प्रस्तुति के लिए
नीरज
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