
"बी एस पाबला said...
लो जी, अब आप लोग भी खुश हो जाईये। 'क्रेन बेदी' ने लम्बे समय बाद अपने ब्लॉग को गुलजार किया है।"
पिछले साल 28 अप्रैल को सुजाता ने एक पोस्ट लिखी थी- एक चोखेर बाली का ब्लॉग , जो अब नही लिखा जाता, किरण बेदी के निष्क्रिय हो चुके ब्लॉग क्रेन बेदी के बारे में।
आज बी एस पाबला जी ने उसी पर एक टिप्पणी कर बताया कि वह ब्लॉग फिर सक्रिय हो गया है। उस पर ताजा पोस्ट 25 फरवरी की है- 'Who's Human Rights' शीर्षक से।
दरअसल इसकी दोबारा शुरुआत 31 जनवरी को ही हो गई थी- Hard-earned name नाम की पोस्ट से।
हम सब की उम्मीद पूरी हुई और यह ब्लॉग फिर गुलजार हो गया।
मुझे लगता है, काफी से ज्यादा ही लंबी तफसील दे दी। अब कुछ आपकी जहमत के लिए भी छोड़ती हूं कि क्रेन बेदी के व्लॉग पर जाएं।:-)
3 comments:
टिप्पणी के बाद एक माइक्रो पोस्ट भी लिख दी है जी :-)
देखिये http://bspabla.blogspot.com/2009/03/27.html
अनुराधा जी,अच्छी खबर सुनाई।उम्मीद है कि हमें बहुत कुछ काम का वहाँ पढने को मिलेगा।पाबला जी का भी शुक्रिया कि उन्होने हम तक यह खबर पहुँचाई!
हवा बहकी है गुलशन से तो
खुशबू संग लायेगी ।
स्वागत है दुबारा से।
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