दीपपर्व की अशेष शुभकामनाएँ। आपकी लेखनी से साहित्य जगत जगमगाए। लक्ष्मी जी आपका बैलेंस, मंहगाई की तरह रोड बढ़ाएँ। ------------------------- पर्यावरण और ब्लॉगिंग को भी सुरक्षित बनाएं।
जो चषक हाथ धन्वन्तरि के थमा, नीर उसका सदा आप पाते रहें शारदा के करों में जो वीणा बजी, तान उसकी सदा गुनगुनाते रहें क्षीर के सिन्धु में रक्त शतदल कमल पर विराजी हुई विष्णु की जो प्रिया के करों से बिखरते हुए गीत का आप आशीष हर रोज पाते रहें
6 comments:
aapko bhi shubhkaamnaaye
shubh deepawali
दिवाली की हार्दिक बधाई
दीपपर्व की अशेष शुभकामनाएँ।
आपकी लेखनी से साहित्य जगत जगमगाए।
लक्ष्मी जी आपका बैलेंस, मंहगाई की तरह रोड बढ़ाएँ।
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पर्यावरण और ब्लॉगिंग को भी सुरक्षित बनाएं।
जो चषक हाथ धन्वन्तरि के थमा, नीर उसका सदा आप पाते रहें
शारदा के करों में जो वीणा बजी, तान उसकी सदा गुनगुनाते रहें
क्षीर के सिन्धु में रक्त शतदल कमल पर विराजी हुई विष्णु की जो प्रिया
के करों से बिखरते हुए गीत का आप आशीष हर रोज पाते रहें
राकेश
फिर दोहरी जिंदगी क्यों जिएं... bilkul sahi..!
Happy diwali.
:)
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