
गर ये जीवन बन जाए जंग ,
तो उठा चलो तलवार सखी,
नामर्दों की सेना से भिड़ कर
बस कर दो नर संहार सखी.
दिखला दो अपनी ताकत को
अब नहीं किसी पर भार सखी.
काँधे पर डालो तरकश तुम
लक्ष्य से कर दो पार सखी.
ये पंक्तियाँ एक ऐसी नारी के लिए निकली हैं, जिसने इस समाज में लीक से हट कर इतिहास रचा है. आज तक कुशल महिलाओं ने जो इतिहास रचा और वे अखबारों में छा गयीं. ये बहुत ख़ुशी का विषय रहा किन्तु अकुशल श्रम जो सिर्फ दूसरों के घर में घरेलु काम करके आजीविका कमा रही हैं. इस काम से इतर और वह भी ऐसा काम जो स्त्री जाति के द्वारा न किया गया हो, एक महिला पुरुषों की बराबरी से चल पड़ी हो तो उसके साहस और आत्मविश्वास को हजार बार स्वीकार करना पड़ेगा.
प्रस्तुत चित्र और आलेख दैनिक जागरण के साभार है और इस इतिहास को रचने वाली है बुंदेलखंड के हमीरपुर जिले के बदनपुर गाँव कि रहने वाली फूलमती. शायद लक्ष्मीबाई से प्रेरित ये महिला निकल पड़ी है अपनी जंग अकेले लड़ने के लिए. गाँव की नारी पढ़ी लिखी तो नहीं है कि कहीं नौकरी कर ले और गाँव के वातावरण में उसे वहाँ कोई और नौकरी मिलने से रही. अकर्मण्य और नशेबाज या व्यसनी पति का होना ऐसी कई महिलायों का प्रारब्ध बन चुका है और फिर परिवार का पालन कौन करे? तब ही वह सिर से पल्ला हटा कर कमर में कसती है और चल पड़ती है अपनी लड़ाई खुद लड़ने के लिए. अपनी ताकत का अहसास होता है उसे, और उस के अनुरूप ही वह परिवार के लिए समर्पित होती है.
ये महिला भी हमीरपुर से बदरपुर के बीच रिक्शा चला कर सवारियां ढोती है और अपने परिवार का पालन करती है.
ऐसी नारी शक्ति को प्रेरणा बनाना होगा कि गर हम ठान लें तो कुछ भी कर सकती हैं.
इस जगह सुभद्रा कुमारी चौहान की पंक्तियाँ का उल्लेख भी प्रासंगिक होगा:
वीर पुरुष यदि भीरु हो तो दे ऐसा वरदान सखी
अबलायें उठ पड़ें देश में करे युद्ध घमासान सखी,
पंद्रह कोटि असहयोगिनियाँ दहला दें ब्रह्मांड सखी,
भारत लक्ष्मी लौटने को रच दें लंका काण्ड सखी.
14 comments:
वाह ! बहुत ही प्रेरक और रोचक खबर दी आपने...नारी सशक्तीकरण की मिसाल...वैसे अगर इसे क्षेत्रीयता से न जोड़ा जाये तो मैं कहना चाहूँगी कि बुन्देलखण्ड की महिलायें यू.पी. और एम.पी. के अन्य इलाकों की अपेक्षा अधिक सशक्त होती हैं...शायद ये वहाँ की विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों का असर हो...
बहरहाल, इस तरह की खबरें ये विश्वास दिलाती हैं कि औरतें शारीरिक रूप से भी कोई भी कार्य करने में सक्षम हैं.
बेहद अच्छी जानकारी।
tasveer aur khabar dono motivational hai.
APNI MAATI
MANIKNAAMAA
ऐसी वीर नारियों को नमन
इसको देख कर ही सिहरन हो उठती है
पर सच्चाई से मुंह भी नहीं मोढ सकते
वर्ष की कुछ बेहतरीन चुनिंदा पोस्ट के लिए सहेज कर रख लिया है
सचमुच काबिले तारीफ़ है यह .. औरत ठान ले तो क्या न कर डाले ...ऐसी पोस्ट देने के लिए आपको दिल से धन्य वाद .
सच कहा तमाम लफ्फाजियो से इतर..... ऐसी कितनी महिलाये रोज एक एक दिन के लिए जिजीविषा करती है ....उनके साहस के आगे हम कितने बौने है .....
बहुत ही प्रेरक समातार है । झांसी की रानी से प्रेरणा लेकर उनकी कितनी साथिनें चल पडीं थीं उनके साथ । वैसे ही हैं ये फूलमती जी । उनको बार बार सलाम ।
वाह! गर्व है हमें फूलमती पर। परन्तु इसके साथ-साथ अफसोस भी अपने समाज पर जहाँ महिलाओं को भी ऐसे कार्य करने पड़ रहे हैं।
Lajwab...Preranadayi Post.
Lajwab...Preranadayi Post.
bahut hi achchi lagi.
मन गदगद हो उठा. सच, हम स्त्रियाँ क्या नहीं कर सकतीं?
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