छात्राओं को निःशुल्क कराटे प्रशिक्षण
तेनशनकान स्कूल कराटे डू एसोसिएशन ने "लड़कियों जागो" अभियान के अंतर्गत निःशुल्क कराटे प्रशिक्षण का आयोजन किया है. शिवाजी नगर के शिवाजी भवन में आयोजित प्रशिक्षण शिविर में सैकड़ों छात्राओं और महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. संस्था के सचिव विजय कुमार के मुताबिक राह चलती छात्राओं और महिलाओं के आत्म रक्षार्थ इस शिविर का आयोजन किया गया है और इसमें मोबाईल फ़ोन पर आने वाली ब्लैंक काल डायवर्ट और रिकार्डिंग सिस्टम की भी जानकारी दी गयी है. संस्था इस शिविर को हर रविवार ३० दिसंबर तक लगाएगी.
ये कानपुर के दैनिक जागरण की एक खबर मात्र है लेकिन ये सिर्फ पीछे के प्रष्ट पर दी गयी छोटी सी खबर नहीं बल्कि एक रोशनी की किरण है, जो मशाल बन कर उभरनी चाहिए. आज सिर्फ नारी जाति के नाम से जन्म लेने वाली हर बच्ची , किशोरी, युवा और महिलाएं सभी कुछ लोगों की विकृत मानसिकता का शिकार बन रही हैं. छेड़छाड़ से लेकर आगे अस्मिता के सवाल तक कुछ भी शेष नहीं रह गया है. इसमें कोई उम्र का बंधन नहीं और न इसके लिए शिक्षा और व्यवसाय कोई मायने रखता है. चाहे शिक्षक , डॉक्टर , मैनेजर, रिक्शाचालक, वैन चालाक कोई भी हो सकता है. अब लड़कियों को अपने स्तर पर अपनी सुरक्षा का इंतजाम खुद ही करना पड़ेगा. ये सिर्फ एक संस्था द्वारा नहीं बल्कि ऐसे अभियान में मार्शल आर्ट को शामिल करके स्कूलों में अनिवार्य किया जाना चाहिए. इस नारी जाती को अपनी सुरक्षा खुद ही करनी होगी . ये शिक्षा उसको सिर्फ शोहदों से ही बचने के लिए नहीं बल्कि उनकी इज्जत और दहेज़ हत्या जैसे मामलों में अपनी सुरक्षा करने सक्षम बना सकती हैं . कम से कम वह लड़कर अपनी रक्षा तो कर ही सकती है.
इसके लिए किसी संस्था और सरकार का मुँह क्यों देखे? अगर हम सक्षम हैं तो उनको उसी जगह अपनी सक्षमता से अवगत करा कर उत्तर देना चाहिए. इसके लिए पहल स्कूल स्तर पर हो तो अधिक अच्छा है क्योंकि हर बाला स्कूल तो जरूर ही जाती है. जो नहीं जाती हैं , उनके लिए कुछ और सोचा जा सकता है. ऐसे ही स्वयंसेवी संस्थाएं उनको थोड़े समय का प्रशिक्षण देने का शिविर लगा सकती हैं .
Wednesday, October 20, 2010
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3 comments:
बहुत सही पहल है. पंजाब में भी अब सरकारी स्कूलों में छठी से आठवीं तक की लड़कियों के लिए जूडो का प्रशिक्षण मुफ्त दिया जाना शुरू हुआ है . लड़कियां अपनी सुरक्षा खुद कर सकेंगी तो उन पर होने वाले अत्याचारों में निस्संदेह कमी आएगी. एक जूडो प्रशिक्षित लड़की का पति उस पर हाथ उठाने से पहले सोचेगा. और सड़क के आवारा मजनुओं में भी कमी जरूर आएगी. हम माओं को भी चाहिए की दूसरी और कक्षाओं के साथ -साथ बेटियों को कराटे,जूडो और मार्शल आर्ट आदि कक्षाओं में जरूर भेजें.
Very nice web design.
http://youcanfacetodaybecausehelives.blogspot.com
जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई हो !
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