ख़ूबसूरत स्त्रियां हैरत करती हैं कहां है मेरा रहस्य.
न तो मैं आकर्षक हूं न मेरी देहयष्टि किसी फ़ैशन मॉडल जैसी
लेकिन जब मैं उन्हें बताना शुरू करती हूं
वे सोचती हैं मैं झूठ बोल रही हूं.
मैं कहती हूं
कि यह मेरी बांहों की पहुंच में है
मेरे नितम्बों के पसराव में
मेरे मुड़े हुए होंठों में
कि मैं एक स्त्री हूं
असाधारण तरीके से
एक असाधारण स्त्री
वह हूं मैं.
मैं एक कमरे में प्रवेश करती हूं
ऐसे अन्दाज़ से जैसे आप चाहें
एक आदमी की तरफ़
जिसके गिर्द लोग होते हैं
या घुटनों के बल उसके सामने.
तब वे मेरे चारों तरफ़ इकठ्ठा हो जाते हैं
जैसे मधुमक्खियों का कोई छत्ता होऊं मैं.
मैं कहती हूं
यह मेरी आंखों की लपट में
मेरी कमर की लचक में
और मेरे पैरों की प्रसन्नता में है
कि मैं एक स्त्री हूं
असाधारण तरीके से
एक असाधारण स्त्री
वह हूं मैं.
ख़ुद आदमियों को अचरज होता है
उन्हें क्या दीखता है मुझमें
वे इतनी मशक्कत करते हैं
पर वे नहीं छू सकते
मेरे भीतरी रहस्य को.
जब मैं दिखाने की कोशिश करती हूं
वे कहते हैं वे अब भी मुझे नहीं देख सकते
मैं कहती हूं
यह मेरी पीठ की चाप में है
मेरी मुस्कान के सूर्य में है
मेरे स्तनों की सैर में है
मेरी अदा की गरिमा में है.
मैं एक स्त्री हूं.
असाधारण तरीके से
एक असाधारण स्त्री
वह हूं मैं.
अब तुम समझ रहे हो
क्यों मेरा सिर झुका हुआ नहीं है
मैं चिल्लाती नहीं उछल कूद नहीं मचाती
न मुझे बहुत ज़ोर से बोलना होता है.
जब आप मुझे गुज़रता हुआ देखें
इसने आपको भर देना चाहिए गर्व से.
मैं कहती हूं
यह मेरी एड़ियों की खटखट में है
मेरे केशों के मुड़ाव में है
मेरी हथेली में है
परवाह किए जाने की मेरी ज़रूरत में है
क्योंकि मैं एक स्त्री हूं
असाधारण तरीके से
एक असाधारण स्त्री
वह हूं मैं.

माया एन्जेलू
४ अप्रैल १९२८ को सेन्ट लुईस, मिसौरी में जन्मी थीं माया एन्जेलू. लेखिका, कवयित्री, इतिहासकार. गीतकार, नाटककार, नृत्यांगना, मंच व फ़िल्म निर्देशिका, अभिनेत्री और जनाधिकार कार्यकत्री हैं. उन्हें सबसे ज़्यादा ख्याति अपनी आत्मकथात्मक पुस्तकों "ऑल गॉड्स चिल्ड्रन नीड शूज़", "द हार्ट ऑफ़ अ वूमन", "सिन्गिंग एंड स्विंगिंग एंड गैटिंग मैरी लाइक क्रिसमस", "गैदर टुगैदर इन माई नेम" और "आई नो व्हाई द केज्ड बर्ड सिंग्स" सि मिली. "आई नो व्हाई द केज्ड बर्ड सिंग्स" को राष्ट्रीय पुरुस्कार के लिए नामांकित किया गया. उनके कई काव्य संग्रह भी हैं जिनमें से एक को पुलित्ज़र पुरुस्कार के लिए नामित किया गया था.
१९५९ में डॉ. मार्टिन लूथर किंग के आग्रह पर उन्होंने सदर्न क्रिस्चियन लीडरशिप कॉन्फ़्रेन्स का उत्तरी निदेशक बनना स्वीकार किया. १९६१ से १९६२ तक वे मिश्र के काहिरा में द अरब ऑब्ज़र्वर की सह सम्पादिका बनीं, जो उस समय समूचे मध्य पूर्व में इकलौता अंग्रेज़ी साप्ताहिक था. १९६४ से १९६६ तक वे अकरा, घाना में अफ़्रीकन रिव्यू की फ़ीचर सम्पादिका रहीं. १९७४ में वे वापस अमेरिका लौटीं जहां जेरार्ड फ़ोर्ड ने उन्हें द्विशताब्दी कमीशन में नामित किया और उसके बाद जिमी कार्टर ने उन्हें कमीशन फ़ॉर इन्टरनेशनल वूमन ऑफ़ द ईयर में जोड़ा. विन्स्टन सालेम विश्वविद्यालय, नॉर्थ कैरोलाइना में उन्होंने प्रोफ़ेसर ऑफ़ अमेरिकन स्टडीज़ का आजीवन पद सम्हाला.
हॉलीवुड की पहली अश्वेत महिला प्रोड्यूसर होने के नाते एन्जेलू ने खासा नाम कमाया है. लेकिन वर्तमान संसार उन्हें उनके प्रतिबद्ध काव्यकर्म के लिए जानता है और सलाम करता है.
१९५९ में डॉ. मार्टिन लूथर किंग के आग्रह पर उन्होंने सदर्न क्रिस्चियन लीडरशिप कॉन्फ़्रेन्स का उत्तरी निदेशक बनना स्वीकार किया. १९६१ से १९६२ तक वे मिश्र के काहिरा में द अरब ऑब्ज़र्वर की सह सम्पादिका बनीं, जो उस समय समूचे मध्य पूर्व में इकलौता अंग्रेज़ी साप्ताहिक था. १९६४ से १९६६ तक वे अकरा, घाना में अफ़्रीकन रिव्यू की फ़ीचर सम्पादिका रहीं. १९७४ में वे वापस अमेरिका लौटीं जहां जेरार्ड फ़ोर्ड ने उन्हें द्विशताब्दी कमीशन में नामित किया और उसके बाद जिमी कार्टर ने उन्हें कमीशन फ़ॉर इन्टरनेशनल वूमन ऑफ़ द ईयर में जोड़ा. विन्स्टन सालेम विश्वविद्यालय, नॉर्थ कैरोलाइना में उन्होंने प्रोफ़ेसर ऑफ़ अमेरिकन स्टडीज़ का आजीवन पद सम्हाला.
हॉलीवुड की पहली अश्वेत महिला प्रोड्यूसर होने के नाते एन्जेलू ने खासा नाम कमाया है. लेकिन वर्तमान संसार उन्हें उनके प्रतिबद्ध काव्यकर्म के लिए जानता है और सलाम करता है.