कई महीनों बाद् यहाँ लिख रही हूँ ...इस बीच कहीं नही लिखा ...लेकिन लिखने का यह मौका मिलेगा सोचा न था। आज सुबह जब पता चला कि आर.अनुराधा नहीं रहीं तो काफी देर तक समझ नही आया कि यह क्या ,वह फिर विजेता बन के उभरेगी कहीं यह आस थी जो इस खबर ने झटके से तोड़ी थी। मुझे दिल्ली हाट की एक मुलाकात में अनुराधा ने अपनी किताब एक कैंसर विजेता की डायरी दी थी शायद 2008 में । मैंने कभी इसे पूरा नहीं पढा , हिम्मत नहीं होती थी ...एक अवसाद ,दर्द और कष्ट का पूरा ब्यौरा ...लेकिन आशावादिता ...वे ब्यौरे मुझे खतरनाक लगते थे ...कुछ गले मे अटकता सा था...पर खुद से परे हट कर खुद के दर्द और अनुभव को देखना- अनुराधा कर सकती थी कोई शक नहीं कि कई मायनों में अनुराधा की हिम्मत और आशावादिता असाधारण थी।
चोखेरबाली की शुरुआत के एक महीने बाद दिलीप जी एक मेल आया था - अनुराधा के लिखे एक लेख को यहाँ छापने के लिए ...फिर अनुराधा से चैट शुरु हुई ...फिल्म देखने का निमंत्रण मिला ... और कुछ मुलाकातें .. फिर सिर्फ फोन ...फिर अंतराल ...अंतहीन ....जो अब कभी खत्म नहीं होगा ...कभी नहीं..
अनुराधा तुम्हारे शौर्यपूर्ण जीवन और गौरवशाली अवसान को हम सभी चोखेरबालियों का सलाम !!
चोखेरबाली की शुरुआत के एक महीने बाद दिलीप जी एक मेल आया था - अनुराधा के लिखे एक लेख को यहाँ छापने के लिए ...फिर अनुराधा से चैट शुरु हुई ...फिल्म देखने का निमंत्रण मिला ... और कुछ मुलाकातें .. फिर सिर्फ फोन ...फिर अंतराल ...अंतहीन ....जो अब कभी खत्म नहीं होगा ...कभी नहीं..
अनुराधा तुम्हारे शौर्यपूर्ण जीवन और गौरवशाली अवसान को हम सभी चोखेरबालियों का सलाम !!
7 comments:
अनुराधा जी की डायरी से हजारों को प्रेरणा मिलेगी
नमन
अनुराधा जी के साहस पूर्ण संघर्ष को श्रध्दापूर्वक नमन। ये लडाई वे हारी नही हैं अपने जैसों को प्रेरणा दे कर गईं है
if possible post the few pages from diary and more details
thanks
जीवट व्यक्तित्व को नमन
VISHWAS HI NAHI HUA THA UNKE BAARE MEIN SUNKAR...
Salam!
वो बहादुर थीं, एक विजेता।
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