आज़ादी पर बात करना
कैसे आसान था तुम्हारे लिए ?
तुमने कहा- 'जहाँ शुरु होती है नाक
किसी और की
वहाँ खत्म होती है आज़ादी मेरी।'
और इस भोलेपन में
तुम भूल गये
मेरे यहाँ नाक से अधिक
जो उन्नत है
उसे तुमने अपनी आज़ादी में शामिल कर लिया है।
कैसे आसान था तुम्हारे लिए ?
तुमने कहा- 'जहाँ शुरु होती है नाक
किसी और की
वहाँ खत्म होती है आज़ादी मेरी।'
और इस भोलेपन में
तुम भूल गये
मेरे यहाँ नाक से अधिक
जो उन्नत है
उसे तुमने अपनी आज़ादी में शामिल कर लिया है।
2 comments:
thoughtful poem
शुक्रिया SM
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